परन्तु दूसरेसे ऋण लेनेवाले अथवा दूसरेका अपराध करनेवालेकी मुक्ति तभी होगी जब दूसरा उसे माफ़ कर दे ।
3.
सांपार्श्विक जमानत ऋण लेनेवाले व्यक्ति की वैयक्तिक साख के अतिरिक्त माल अथवा माल के संबंध में अधिकारपत्र के रूप में हो सकती है।
4.
सांपार्श्विक जमानत ऋण लेनेवाले व्यक्ति की वैयक्तिक साख के अतिरिक्त माल अथवा माल के संबंध में अधिकारपत्र के रूप में हो सकती है।
5.
उसमें वैसा ही कागज पैदा करने की क्षमता कहाँ! फिर भी अगर सदियों से यह संभव होता रहा है, तो इसीलिए कि ऋण लेनेवाले की मजबूरी से फायदा उठाने की कोशिश की जाती रही है।
6.
स्वीडन, ऑस्ट्रिया, जर्मनी और ब्रिटेन के बैंकरों को जल्दी ही यह अहसास हो जाएगा कि अगर वे ऋण न लौटा सकनेवाले देशों को ऋण दे रहे हैं तो यह उनकी समस्या है, ऋण लेनेवाले देशों की नहीं।
7.
उसमें वैसा ही कागज पैदा करने की क्षमता कहां! फिर भी अगर सदियों से यह संभव होता रहा है, तो इसीलिए कि ऋण लेनेवाले की मजबूरी से फायदा उठाने की कोशिश की जाती रही है।
8.
कहना न होगा कि आईएमएफ, विश्व बैंक आदि के पास जो पूंजी है, वह मुख्य रूप से अमरीका की ही है, और इन संस्थाओं से ऋण लेनेवाले देश जो भारी ब्याज चुकाते हैं, वह अमरीका को ही प्राप्त होता है।